PM Fasal Bima Yojana की लोकप्रियता में तेजी से वृद्धि हो रही है। हाल ही में केंद्र सरकार ने कृषि एवं किसान कल्याण की दिशा में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की थी, बैठक में PM Fasal Bima Yojana से संबधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जिसमें बाड़मेर के किसानों को खरीफ 2021 के संबंध में पूर्ण भुगतान करने का निर्णय भी लिया शामिल था। PM Fasal Bima Yojana समीक्षा में लिए गए निर्णयों के बाद बीमा कंपनी 229 करोड़ रुपये की अतिरिक्त क्लेम राशि के भुगतान वाले किसानों को देगी। उसी समय बाड़मेर के पात्र किसानों को कुल 540 करोड़ रुपये के क्लेम का भुगतान तुरंत कर दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में फैसला लेकर परिणामी बीमा लेने के समय किसानों को कोई समस्या न हो, PM Fasal Bima Yojana इसके लिए अधिक सोचने की कोशिश की जा रही है.
PM Fasal Bima Yojana
PM Fasal Bima Yojana: फसल को लेकर किसानों की चिंता दूर करेगी नरेंद्र मोदी की कैबिनेटने 13 जनवरी 2016 को Prime Minister परिणाम बीमा योजना को मंजूरी दे दी। Prime Minister PM Fasal Bima Yojana, किसानों की कटौती को प्राकृतिक प्रावधान के कारण हुयी हानि को किसानों के प्रीमियम का भुगतान देकर एक सीमा तक कम करायेगी।
इस योजना पर 8,800 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। PM Fasal Bima Yojana के आधार पर किसानों को बीमा कम्पनियों द्वारा निश्चित, खरीफ की परिणाम के लिए 2% प्रीमियम और रबी की ब्याज के लिए 1.5% प्रीमियम का भुगतान होगा।
PM Fasal Bima Yojana इसमें प्राकृतिक दावों के कारण फसल क्षति के लिए किसानों द्वारा बीमा कंपनियों को दिया जाने वाला प्रीमियम बहुत कम रखा जाता है।, वास्तविक प्रत्येक स्तर के किसान आसानी से भुगतान कर सकते हैं। ये योजना न केवल खरीफ और रबी की साझेदारी को वाणिज्यिक और साझेदारी के लिए भी सुरक्षा प्रदान करती है, वार्षिक वाणिज्यिक और साझेदारी के लिए किसानों को 5% प्रीमियम (किस्त) का भुगतान करना होगा।
PM Fasal Bima Yojana क्या है ?
इस योजना की शुरुआत 2016 में हुई थी। PM Fasal Bima Yojana इस योजना के माध्यम से किसानों को प्राकृतिक दलाली या किसी भी तरह से घटती के खराब होने की स्थिति में एक व्यापक बीमा कवर दिया जाता है जिससे किसानों की आय को स्थिर करने में मदद मिल सके। इसके अलावा किसानों को नई और आधुनिक कृषि पद्धतियों को गोद लेने के लिए भी बढ़ावा दिया जाता है।
स्वैच्छिक भागीदारी को आसान बनाया
इस योजना से किसानों की स्वैच्छिक भागीदारी बने रहने में मदद मिली है। आज किसान PM Fasal Bima Yojana का लाभ लेकर खेती शुरू कर रहा है।,जिससे उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। आज इस योजना से लाखों किसानों की आय पांच से दस गुना तक बढ़ गई है। इसके अलावा, केंद्र सरकार की स्वैच्छिक भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं, जैसे घर-घर वितरण अभियान, मेरी रसारी, मेरे हाथ, ताकि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित कर सके कि पीएमएफबीवाई के तहत सभी किसानों को उनका हिस्सा मिले। . रहस्यमय, भूमि अभिलेख, दावा प्रक्रिया और शिकायत निवारण के बारे में पूरी जानकारी से अच्छी तरह वाकिफ हैं।
किसानों को बेहतर आर्थिक सुरक्षा मिली है
PM Fasal Bima Yojana ने करोड़ों किसानों को फसल खराब होने की स्थिति में बेहतर आर्थिक सुरक्षा कवच देने का काम किया है। पीएमएफबीवाई के तहत 36 करोड़ से अधिक किसानों का बीमा किया गया है। और इस योजना के तहत अब तक 1,28,522 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। किसानों के नुकसान की भरपाई दावों के रूप में की गई है। 2016 में लॉन्च होने के बाद से, इस योजना ने गैर-कर्जदार किसानों, सीमांत किसानों और छोटे किसानों की संख्या में 282 प्रतिशत की वृद्धि की है।
कृषि क्षेत्र के विकास के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता
पीएम मोदी ने 2015 में किसानों की आय दोगुनी करने पर जोर दिया था, जो कृषि क्षेत्र के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है. PM Fasal Bima Yojana केंद्र सरकार ने कृषि के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का एग्री इंफ्रा फंड बनाया है। साथ ही गांवों में कृषि एवं इससे जुड़े कार्यों के लिए डेढ़ लाख करोड़ रुपये के पैकेज की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा हमारे देश में 86 फीसदी छोटे किसान हैं, उनकी ताकत बढ़ाने के लिए 10 हजार नए एफपीओ बनाने पर काम चल रहा है। इसके अलावा डिजिटल कृषि पर काम चल रहा है, जिससे कृषि क्षेत्र में असंतुलन खत्म होगा, पारदर्शिता आएगी।
जैविक कृषि उत्पादन और निर्यात पर विशेष जोर
भारत में जैविक कृषि उत्पादन बढ़ रहा है। PM Fasal Bima Yojana किसानों को जैविक उत्पादों के अच्छे दाम भी मिल रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से भी जैविक खेती को बढ़ावा देने के प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से किसान जैविक कृषि में इस्तेमाल होने वाले आधुनिक उपकरणों और तकनीक तक अपनी पहुंच सुनिश्चित कर पा रहे हैं।
PM Fasal Bima Yojana (पीएमएफबीवाई) की विशेषताएं और लाभ –
- PM Fasal Bima Yojana के तहत यदि प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों को आर्थिक नुकसान होता है तो सरकार इस नुकसान की कुछ हद तक भरपाई करने की कोशिश करती है।
- इस योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली बीमा की प्रीमियम राशि को बहुत कम रखा गया है ताकि छोटे किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकें.
- किसानों को सभी खरीद फसलों के लिए केवल 2% और सभी रबी फसलों के लिए 1.5% की प्रीमियम राशि का भुगतान करना होगा।
- वार्षिक व्यावसायिक बागवानी फसलों के मामले में, किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली प्रीमियम राशि केवल 5% होगी।
- पहले यह योजना सभी कर्जदार किसानों के लिए अनिवार्य थी, लेकिन 2020 के बाद केंद्र ने ऐसे सभी किसानों के लिए इसे वैकल्पिक कर दिया है।
- इस योजना के तहत फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को भी कवर किया जाता है। यदि फसल कटाई के बाद 14 दिनों तक खेत में है और उस दौरान किसी आपदा के कारण फसल को नुकसान होता है तो किसान दावा राशि प्राप्त कर सकेंगे।
- इस योजना में तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाएगा ताकि नुकसान का आकलन जल्दी और सही तरीके से किया जा सके.
- यह योजना कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रकाशित की जा रही है।
- बीमा राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ऑनलाइन जमा की जाती है
PM Fasal Bima Yojana मुनाफ़ा
- PM Fasal Bima Yojana के माध्यम से किसान को हुए नुकसान के लिए सरकार द्वारा बीमा प्रदान किया जाएगा।
- इस योजना का लाभ केवल वही किसान ले सकते हैं जिन्हें किसी प्राकृतिक आपदा के कारण नुकसान हुआ हो।
- किसी अन्य कारण से नुकसान होने पर इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं।
- योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
PM Fasal Bima Yojana के महत्वपूर्ण तथ्य
इस फसल बीमा योजना में शामिल कुछ मुख्य तथ्य निम्नलिखित हैं:
- किसानों की सुविधा के लिए प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना के तहत भुगतान की जाने वाली प्रीमियम (किश्त) पट्टे को बहुत कम रखा गया है ताकि सभी स्तरों के किसान आसानी से ब्याज दर का लाभ उठा सकें।
- इसमें सभी प्रकार के बंटवारे (रबी, खरीफ, वाणिज्यिक और कृषि उपज) शामिल हैं। खरीफ के कारण (धान या चावल, मक्का, बुखार, बाजरा, गन्ना आदि) 2% प्रीमियम का भुगतान किया जाएगा। रबी (गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों आदि) की सफलता के लिए 1.5% प्रीमियम देना होगा। वार्षिक वाणिज्यिक और साझेदारी बीमा के लिए 5% प्रीमियम का भुगतान किया जाना है।
- सरकारी सब्सिडी की कोई ऊपरी सीमा नहीं है। यदि शेष प्रीमियम 90% है तो यह सरकार द्वारा किया जाएगा।
- शेष प्रीमियम सरकार द्वारा बीमा कंपनियों को दिया जाएगा। इसे राज्य और केंद्र सरकार के बीच समान रूप से बांटा जाएगा।
- यह योजना राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (NAIS) और प्रासंगिक राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (MNAIS) की जगह लेती है।
- इसकी प्रीमियम दर NAIS है। और एम.एन.ए.आई.एस. यह दोनों योजनाओं की तुलना में बहुत कम है और साथ ही इन दोनों योजनाओं की तुलना में पूरी बीमा राशि को कवर करती है।
- पहले की योजनाओं में प्रीमियम दर तय करने का प्रावधान था, जिसके परिणामस्वरूप किसानों के लिए भुगतान के दावे आने लगे। यह कैपिंग सरकारी सब्सिडी के खर्च को सीमित करने के लिए की गई थी, जिसे अब हटा दिया गया है और किसानों को बिना किसी कमी के दावे की पहली राशि का पूरा दावा मिलेगा।
- प्रधानमंत्री द्वारा कम की गई तकनीक का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाएगा, ताकि किसान मोबाइल के माध्यम से ही अपनी सफलता तुरंत बढ़ा सकें।
- प्रधानमंत्री फसली योजना के आगामी 3 वर्षों के लिए सरकार द्वारा 8,800 करोड़ रुपये खर्च करने के साथ, 50% किसानों को कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- मानव निर्मित जैसे; आग, चोरी, सेंधमारी आदि इस योजना की आड़ में शामिल नहीं हैं।
- स्टिकर की एकरूपता के कारण भारत में सभी विज्ञापनों को लंबी अवधि के प्रसारण की अनुमति होगी।
- यह नई फसल बीमा योजना ‘वन नेशन वन प्लान’ थीम पर आधारित है। यह पुरानी योजनाओं की सभी अच्छाइयों को वहन करता है और उन योजनाओं की कमियों और गलतियों को दूर करता है।
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आशा करते हैं आज के हमारे लेख में आपको PM Fasal Bima Yojana के बारे में स्पष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी। फिर भी अगर आप कुछ पूछना चाहते हैं तो हमें कमेंट सेक्शन में मैसेज करें।